पंचतंत्र की कहानी: शेर और सियार (Panchtantra Ki Kahani: The Lion And The Jackal) शेर और लकड़बग्घे

 

शेर और लकड़बग्घे


शेर और


शेरा नाम का एक शेर बहुत परेशान था । वो एक नौजवान शेर था जिसने अभी -अभी शिकार करना शुरू किया था । पर अनुभव न होने के कारण वो अभी तक एक भी शिकार नहीं कर पाया था । हर एक असफल प्रयास के बाद वो उदास हो जाता , और ऊपर से आस -पास घूम रहे लकड़बघ्घे भी उसकी खिल्ली उड़ा कर खूब मजे लेते|
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शेरा गुस्से में उनपर दहाड़ता पर वे ढीठ कहाँ डरने वाले थे , ऐसा करने पर वे और जोर -जोर से हँसते ।
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“उन पर ध्यान मत दो ” , समूह के बाकी शेर सलाह देते ।
“कैसे ध्यान न दूँ ? हर बार जब मैं कसी जानवर का शिकार करने जाता हूँ तो इन लकड़बग्घों की आवाज़ दिमाग में घूमती रहती है “ , शेरा बोला।

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शेरा का दिल छोटा होता जा रहा था , वो मन ही मन अपने को एक असफल शिकारी के तौर पर देखने लगा और आगे से शिकार का प्रयास न करने की सोचने लगा।

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ये बात शेरा की माँ , जो दल के सबसे सफल शिकारियों में से थी को अच्छी तरह से समझ आ रही थी । एक रात माँ ने शेरा को बुलाया और बोली ,” तुम परेशान मत हो , हम सभी इस दौर से गुजरे हैं , एक समय था जब मैं छोटे से छोटा शिकार भी नहीं कर पाती थी और तब ये लकड़बग्घे मुझपर बहुत हँसते थे । तब मैंने ये सीखा , “ अगर तुम हार मान लेते हो और शिकार करना छोड़ देते हो तो जीत लकड़बग्घों की होती है । लेकिन अगर तुम प्रयास करते रहते हो और खुद में सुधार लाते रहते हो … सीखते रहते हो तो एक दिन तुम महान शिकारी बन जाते हो और फिर ये लकड़बग्घे कभी तुम पर नहीं हंस पाते ।”
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समय बीतता गया और कुछ ही महीनो में शेरा एक शानदार शिकारी बन कर उभरा , और एक दिन उन्ही लकड़बग्घों में से एक उसके हाथ लग गया ।
“ म्म्म् मुझे मत मारना … मुझे माफ़ कर दो जाने; मुझे जाने दो ”, लकड़बग्घा गिड़गिड़ाया।
पंचतंत्र की कहानी: शेर और सियार (Panchtantra Ki Kahani: The Lion And The  Jackal)
“ मैं तुम्हे नहीं मारूंगा , बस मैं तुम्हे और तुम्हारे जैसे आलोचकों को एक सन्देश देना चाहता हूँ । तुम्हारा खिल्ली उड़ाना मुझे नहीं रोक पाया , उसने बस मुझे और उत्तेजित किया कि मैं एक अच्छा शिकारी बनूँ … खिल्ली उड़ाने से तुम्हे कुछ नहीं मिला पर आज मैं इस जंगल पर राज करता हूँ । जाओ मैं तुम्हारी जान बख्शता हूँ … जाओ बता दो अपने धूर्त साथियों को कि कल वे जिसका मजाक उड़ाते थे आज वही उनका राजा है ।”
पंचतंत्र की कहानी: शेर और सियार (Panchtantra Ki Kahani: The Lion And The  Jackal)
Friends, इस दुनिया में आपकी कमियां गिनाने वालों की कमी नहीं है, आपको ऐसे तमाम critics मिला जायेंगे जो आपकी काबिलियत , आपकी skills और कुछ कर पाने की ability पर doubt करेंगे , आपका मजाक उड़ाएंगे । अगर आप इन आलोचकों के डर से पीछे हट जाते हैं तो आप उन्हें जीतने देते हैं लेकिन अगर आप डटे रहते हैं , बार -बार प्रयास करते रहते हैं , खुद में improvement लाते रहते हैं तो एक दिन आप जीत जाते हैं ।
इसलिए life में आने वाले critics से कभी मुंह मत मोड़िये , उनका सामना कीजिये , उन्हें कुछ भला -बुरा मत कहिये बस चुपचाप अपने लक्ष्य का पीछा करते रहिये और एक दिन सफलता प्राप्त करके दिखाइए … यही उनके लिए आपका सबसे बड़ा जवाब होगा।



पंचतंत्र की कहानी: शेर और सियार (Panchtantra Ki Kahani: The Lion And The Jackal) शेर और लकड़बग्घे  पंचतंत्र की कहानी: शेर और सियार (Panchtantra Ki Kahani: The Lion And The Jackal) शेर और लकड़बग्घे Reviewed by कहानियाँ हिंदी में on September 10, 2020 Rating: 5

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