भरोसा
है क़ायम,आज भी ये संसार
सिर्फ भरोसे, और भरोसे पर
नहीं ले इतना,बोझ मन पर
मिलते हुए,धोखे ही धोखे पर
कोई धोखा, तुझको कहां देता
वो तो ख़ुद को, ही शर्मिंदा करता है
जहां तोड़ा भरोसा, उसने किसी का
वो जीते जी,उसी वक्त मरता है
जिया करते जो,मरे समान
वो कहां कहाते, हैं इंसान
पर तू विश्वास,यही रखना
भरोसा नहीं उठा,बस सतर्कता बरतना
मैंने उस पर, उसने मुझ पर
सिर्फ भरोसा,ही तो रखा है
वरना इस दुनिया में, कौन जाने
किस के दिल में,कब क्या बसा है
बिगाड़ तेरा वो, क्या देगा
धोखा इक बार ही, तो चलेगा
तू तो ले सबक,आगे बढ़ेगा
और ज़मीर ही जिसका, है मरा
वो और भला, क्या करेगा
तो तू छोड़ ना, कभी विश्वास
चलते रहना,भरोसे की ले नाव
चाहे कोई बुरा,या के हो अच्छा
साबित इतना, भरोसा तो होता
अपने में ही, सच्चा
सदा ही, सच्चा
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भरोसा
Reviewed by कहानियाँ हिंदी में
on
November 22, 2019
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